आलोचना >> उपन्यास की समकालीनता उपन्यास की समकालीनताज्योतिष जोशी
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उपन्यास की समकालीनता' बीसवीं शताब्दी के अंतिम दो दशकों में लिखे गए उपन्यासों के सिंहावलोकन का यत्न है….
उपन्यास की समकालीनता' बीसवीं शताब्दी के अंतिम दो दशकों में लिखे गए उपन्यासों के सिंहावलोकन का यत्न है। इस यत्न में उल्लेखनीय उपन्यासों का मूल्यांकन भी हो पाया है तथा उनकी समकालीन प्रासंगिकता का निरूपण भी।
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